समस्तीपुर के ताजपुर थाना अंतर्गत स्थित खुदनेश्वर स्थान है हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक



द एक्सपोज़ एक्सप्रेस.
खुदनी और ईश्वर के मेल से बना है खुदनेश्वर। लेकिन वृहद स्तर पर इसे खुदा + ईश्वर कहें तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। खुदा और ईश्वर को एक जगह मजबूती से पकड़े रखने वाला यह मंदिर बिहार के समस्तिपुर जिला के ताजापुर थानांतर्गत आने वाले मोरवा गांव में स्थित है एवं सदियों से हिंदू-मुस्लिम को एक सूत्र में पीड़ोने का काम कर रहा है।
                                               सबसे पहले सन 1858 में यहां मंदिर बनाया गया। बढ़ते समय के साथ कई बार पुनर्निर्माण हुआ। मंदिर के गर्भ गृह में एक ओर शिवलिंग तो दूसरी ओर मजार है। शिवलिंग की कहानी रोचक है। काफी वर्षों पहले यहां एक मुस्लिम महिला खुदनी बीवी गाय चराने आया करती थी। एक दिन उसे इस जगह पर कुछ चमत्कार जैसा लगा। उसने गांव वालों को यह बात बताई, जिसके बाद उन्होंने कुदाल से इस जगह की खुदाई कर शिवलिंग को बाहर निकाला। कुदाल के चोट का निशान शिवलिंग पर आज भी मौजूद है।
                                   खुदनी बीवी के मरने के बाद उनके परिजनों ने उनकी इच्छा अनुसार उन्हें शिवलिंग के बगल में दफना दिया। धार्मिक कट्टरता के इस युग में खुदनेश्वर स्थान जैसे तीर्थ एक सुखद अहसास और रौशनी प्रदान करते हैं। 

Comments

Popular posts from this blog

अमात जाति का इतिहास

क्या चमार जाति के लोग ब्राह्मणों के वंशज है?

नंदवंश - प्रथम शूद्र राजवंश