टाइम्स ऑफ इंडिया का सरकारी विज्ञापन बंद, मालिक कर सकते हैं मोदी से मुलाकात


द एक्सपोज़ एक्सप्रेस.
प्रधानमंत्री मोदी के गुस्से की नई शिकार बनी हैं आनंद बाजार पत्रिका और टाइम्स ऑफ इंडिया ग्रुप। मोदी ने इन दोनों मीडिया ग्रुप को दिए जाने वाले सरकारी विज्ञापन पर रोक लगा दी है। यह पहला मौका नहीं है जब मोदी ने मीडिया ग्रुप के विज्ञापनों को रोका है। मीडिया ग्रुप को साधने और मनमाफिक खबर चलवाने के लिए वह पहले भी ऐसा करते हैं।
इससे पहले मोदी ने द हिंदु को दिए जाने वाले सरकारी विज्ञापनों पर रोक लगा दी थी। द हिंदु को राफेल पर खबर छापने की कीमत चुकानी पड़ी। मार्च महीने से उसे सरकारी विज्ञापन नहीं दिया गया है। इस साल हुए लोकसभा चुनाव के दौरान टाइम्स ग्रुप के कुछ अखबार और चैनल ने आचार संहिता मामले पर प्राथमिकता के साथ खबर दिखाई थी, जिससे मोदी नाराज हो गए हैं। हालांकि इस दौरान इसी ग्रुप के कई सारे चैनल और अखबार मोदी भक्ति में डूबे रहें। लेकिन कुछ चैनल/अखबार मोदी भक्ति में डूबे रहें और कुछ सरकार की आलोचना करें उनकी यह रणनीति काम नहीं आई। खबर है कि ग्रुप के मालिक विनित जैन इस सिलसिले में मोदी से मुलाकात करेंगे।
मीडिया ग्रुप की आय का एक बड़ा भाग सरकारी विज्ञापनों से आता है। सरकार विज्ञापन बंद कर दे तब उन्हें काम करने में कठिनाई आती है। कुछ साल पहले राजस्थान की वसुंधरा सरकार ने खबरों से परेशान होकर राजस्थान पत्रिका का विज्ञापन बंद करवा दिया था। जवाब में पत्रिका कोर्ट चली गई थी जहां फैसला उसके पक्ष में दिया गया।

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