सनातन धर्म और हिंदू धर्म किसे कहते हैं?
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बुद्ध 2500 साल पहले धम्मपद में कह गए हैं -'एस धम्मो सनंतनो' यानि यह धर्म सनातन है। असोक 2300 साल पहले खुदवा गए हैं-'एस पुरातन पकिति' यानि कि यह धम्म पुरातन है।
तथागत ने यह भी कहा था कि उन्होंने इस पुरातन धम्म को फिर से खोजा है अर्थात बुद्ध ने कभी नहीं कहा कि वह बौद्ध धम्म के संस्थापक हैं। बौद्ध होने की परंपरा हजारों वर्ष पुरानी है जिसके पुरातात्विक सबूत भी हैं। चूकि बौद्ध धम्म में प्रेम-भाईचारा का विशेष महत्व है और आग जलाने से पहले मानवों ने प्रेम से रहना सीख लिया था अतः बौद्ध धम्म सनातन हुआ क्योंकि प्रेम सनातन है। आदिमानवों में ऊंच-नीच की भावना भी नहीं ही रही होगी। बौद्ध धम्म भी किसी भी प्रकार के ऊंच-नीच जैसी विचारधारा को नकारता है। दूसरी तरफ ब्रामण धर्म यज्ञ और ऊंच-नीच की धारणा पर टिका है। आग मानव सभ्यता में बहुत बाद का आविष्कार है। ऊंच-नीच भी नई प्रकार की सोच थी अतः ब्रामण धर्म सनातन कभी नहीं हो सकता।
बात करे हिंदू शब्द की तो यह पहली बार 235 ईस्वी में ससैनियन्स(ईरानी) के द्वारा प्रयोगा किया गया था। तब भारत में ब्राह्मण धर्म की कितनी जनसंख्या थी? गिनी-चुनी रही होगी; हर स्रोत से यही जानकारी मिलती है। गिने-चुने लोगों के धर्म पर एक अतिविशाल क्षेत्र का नामकरण नहीं किया जा सकता। जबकि तत्कालीन समाज में बौद्ध धम्म के अनुयाई सबसे अधिक थे।
सबसे बड़ी बात है कि स्वतंत्रता के बाद तक के लगभग हर रचनाओं में जिसे आज हिंदू धर्म कहा जा रहा है उसे ब्राह्मण धर्म ही कहा जाता रहा है। पुरातत्वविभाग के बोर्ड में यही प्रयोग किया जाता रहा है। सरकार भी कई मौकों पर यही नाम प्रयोग करती है।
कुल मिलाकर निष्कर्ष यही निकलता है कि सनातन धर्म और हिंदू धर्म दोनों का तात्पर्य बौद्ध धम्म से है। और अगर आप यह नहीं मानते तो कम से कम यह तो साफ ही है कि हिंदू और सनातन का मतलब ब्राह्मण धर्म नहीं होता। यह सर्वथा सत्य है।
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