नंदवंश - प्रथम शूद्र राजवंश

चाणक्य सीरियल में जिसे दुष्ट दिखाया जाता है उस "घननंद" का पिता महापद्मनंद ही ब्राह्मणों के कहानी(पुराण) का परशुराम है, इतिहासकार ऐसी आशंका जताते रहे हैं। नंद हजाम जात के थे। विदेशी लेखक कर्टियस ने लिखा है कि ‘उसका पिता नाई था, जो दिन भर अपनी कमाई से किसी तरह पेट भरता था।’ महापद्म नंद अपनी योग्यता से शिशुनाग वंश के तीसरे और अंतिम राजा नन्दिवर्धन(366-344 ईपू) के यहां अधिकारी हो गया। धीरे-धीरे उसने दरबार में खास रुतबा बना लिया और अंततः धोखे से राजा की हत्या कर दी जो कि उस समय आम बात थी और 344 ईपू में नंद वंश की स्थापना की। उसने अपने समय के सभी राज-कुलों, जिसमें कुरु, इक्ष्वाकु, पांचाल शूरसेन, काशेय, हैहय, कलिंग, अश्मक, मैथिल और वीतिहोत्र थे, को पराजित कर नष्ट कर दिया था। इसलिए उसे "क्षत्रांतक" भी कहा गया। ब्राह्मणों के पुराणों ने परशुराम को क्षत्रियों का समूल नाश करने वाला बताया है। प्रबल संभावना है कि महापद्मनंद को ही परशुराम के रूप में चित्रित किया गया हो। महापद्मनंद ने साम्राज्य की अवधारणा की शुरुआत की। इसके पहले महाजनपद या राज हुआ करते थे। उसने पूरब में चंपा, दक...